अयोध्या जिले में माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के बीच मूल्यों का अध्ययन
Keywords:
छात्र, मूल्य शिक्षा, माध्यमिक विद्यालय, शिक्षक।Abstract
करुणा, सत्यनिष्ठा और समाज के कल्याण के लिए दृढ समर्पण केवल वांछनीय गुण नहीं हैं, वे आवश्यक मानवीय मूल्य हैं जो एक सामंजस्यपूर्ण समुदाय की नींव बनाते हैं। एक शुद्ध हृदय, जिसमें सच्ची दयालुता, ईमानदार भाषण जो विश्वास को बढावा देता है, और अहिंसक कार्य जो शांति को बढावा देते हैं, संबंधों को पोषित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। जब इन गुणों की कमी होती है, तो समाज को नुकसान होता है, जिससे कलह, अविश्वास और उस ताने-बाने में दरार आती है जो हमें एक साथ बांधता है। भारत, एक ऐसी भूमि है जो गहन आध्यात्मिक विरासत से भरी हुई है जिसने अनगिनत पीढियों को प्रेरित किया है, अब अधर्म और सामाजिक अन्याय की एक परेशान करने वाली लहर का सामना कर रही है। इसकी संस्कृति की जीवंत तान, जो कभी आस्था और नैतिक सिद्धांतों के धागों से बुनी गई थी, नैतिक पतन के बोझ तले दबी हुई लगती है। यह युवाओं की जिम्मेदारी है, जो कल के मशालवाहक हैं, कि वे प्राचीन ज्ञान और मूल्यों की लौ को फिर से जलाएँ। जैसे-जैसे भारत माता अपने बच्चों पर नजर रखती है, वह उनके दिलों में ईमानदारी और करुणा के पुनरुत्थान की लालसा करती है।
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Copyright (c) 2025 Dharmendra Pratap Singh, Ram Pratap Saini

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