छिंदवाडा जिले में कृषि उत्पादन पर सिंचाई की भूमिका
Abstract
सिंचाई कृषि क्षेत्र में एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। जो फसलों को विकसित करने और उनकी उत्पादकता में सुधार करने में केंद्रीय भूमिका निभाती है। यह प्राकृतिक वर्षा की अनिश्चितता और अपर्याप्तता की स्थितियों में फसलों को आवश्यक जल प्रदान करती है जिससे फसलों का निरंतर और स्थिर उत्पादन सुनिश्चित होता है। इस जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है, जिसमें विभिन्न प्रकार की फसलें जैसे धान, मक्का, कपास, सोयाबीन ,गन्ना ,गेहूं, चना ,मटर और दलहन के साथ ही फल -सब्जियां भी उगाई जाती है। इस जिला में वर्षा सामान्य होती है ,जिसके कारण सतही जल व भूमिगत जल का निरंतर प्रयोग से जलस्तर में कमी देखने को मिलती है। उक्त प्रयोजन हेतु वर्षा जल की पूर्ति के लिए सिंचाई कार्य से उपलब्ध विभिन्न स्रोतों से (2015 –2018 त्रैवार्षिक माध्यमान के अनुसार ) 2,30,323 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई कार्य होता है जिसमें नवीन व पारंपरिक सिंचाई विधियां की सहायता से यह कृषि कार्य पूर्ण हो पाता है।
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Copyright (c) 2024 Dr. Devendra Dhurve , Ramsajeevan Dhurve
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